2 Line Sad Shayari In Hindi | दो लाइन सैड शायरी

2 Line Sad Shayari In Hindi

2 Line Sad Shayari In Hindi: आज के समय में हम सभी लोग किसी न किसी परेशानी से दुखी हैं, फिर चाहें वो परिवार को लेकर हों, करियर को लेकर हों या फिर किसी समस्या से परेशान हों। होई भी इंसान खुश नहीं चाहे उसके पास सब कुछ हो या ढेर सारा पैसा ही क्यू ना हो। हर व्यक्ति दुख का सामना कर रहा है या उनसे भर आने की कोशिश भी कर रहा है लेकिन दुख हमारे जीवन का हिसा है जो कभी खत्म नहीं हो सकता। वो दुख हमेशा हमारी जिंदगी में बस हमें उनके साथ खुश रहने की कोशिश करनी है। 

दुख का सामना करने के लिए और अपने दिल को मजबूत बनाने के लिए आपकी आज की 2 Line Sad Shayari In Hindi जरूर पसंद आएगी।ये शायरी आपकी हालत को समझेगी या आपको हौसला देने में काफी मदद करेगी। हम आशा करते हैं कि ये शायरी आपको बेहद पसंद आएगी या आपकी दुखी समय मदद करेगी।

उस शख्स का ग़म भी कोई सोचे,
जिसे रोता हुआ ना देखा हो किसी ने।

उस गली में हजार ग़म टूटा,
आना जाना मगर नहीं छूटा।

मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे,
ज़िंदगी सारी इस वहम ने ले ली।

ग़म की तशरीह बहुत मुश्किल थी,
तो अपनी तस्वीर दिखा दी मैंने।

रंजो-ग़म इश्क के गुजर भी गए,
अब तो वो दिल से उतर भी गए।

माना कि ग़म के बाद मिलती है मुस्कराहटें,
लेकिन जियेगा कौन… तेरी बेरुखी के बाद।

2 line sad Shayari

ज़िंदगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते हैं,
किस तरह हमने गुजारी है हम ही जानते हैं।

किसी के जख़्म तो किसी के ग़म का इलाज़,
लोगों ने बाँट रखा है मुझे दवा की तरह।

इक शामे-ग़म को सुबहे-मसर्रत न मिल न सकी
कितने ही आफताब चढ़े और ढल गये।

हमने सोचा कि दो चार दिन की बात होगी लेकिन,
तेरे ग़म से तो उम्र भर का रिश्ता निकल आया।

खुशियों की चाह थी वहां बे-हिसाब ग़म निकले,
बेवफा तू नहीं सनम बद-नसीब तो हम निकले।

कहाँ तक आँख रोएगी कहाँ तक उसका ग़म होगा,
मेरे जैसा यहाँ कोई न कोई रोज़ कम होगा।

एक किरन भी तो नहीं ग़म की अंधेरी रात में,
कोई जुगनू कोई तारा कोई आँसू कुछ तो होता।

इस कायनाते–ग़म में खुशियाँ कहाँ मयस्सर,
दीवाना ढूँढ़ते हैं सहरा में आबो–दाना।

क्या जरूरत क्यों जफाएं बागबां तेरी सहें,
जा तुझे गुलशन मुबारक मुझको वीराने बहुत।

अब तो मेरी आँख में एक अश्क भी नहीं,
पहले की बात और थी ग़म था नया नया।

ऐ ज़ब्त-ए-इश्क़ और ना ले इम्तिहान-ए-ग़म,
मैं रो रहा हूँ नाम किसी का लिये बगैर।

अगर वो पूछ लें हमसे कहो किस बात का ग़म है,
तो फिर किस बात का ग़म है अगर वो पूछ लें हमसे।

झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब छीन लेती है,
मैंने तो मोहब्बत करके ग़म का खजाना पा लिया।

2 Line Sad Shayari Hindi

मेरे ग़मख्वार मेरे दोस्त तुझे क्या मालूम,
जिन्दगी मौत के मानिन्द गुजारी मैंने।

माजी की याद, आज का ग़म, कल की उलझनें,
सबको मिलाइए मेरी तस्वीर बन गई।

अब तू ही कोई मेरे ग़म का इलाज कर दे,
तेरा ग़म है तेरे कहने से चला जायेगा।

ग़म-ए-इश्क का मारा हूँ मुझे न छेड़ो,
जुबां खुलेगी तो लफ़्ज़ों से लहू टपकेगा।

दुनिया ने ग़म हजार दिए लेकिन ऐ दोस्त,
मैंने हर एक ग़म को हँसी में उड़ा दिया।

मुस्कुराने की अब वजह याद नहीं रहती,
पाला है बड़े नाज़ से मेरे गमों ने मुझे।

कौन रोता है किसी और की खातिर ऐ दोस्त,
सबको अपनी ही किसी बात पे रोना आया।

शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना,
गमों की महफिल भी कमाल जमती है।

तेरी ज़ुल्फों की स्याही से न जाने कैसे,
ग़म की ज़ुल्मत मेरी रातों में चली आई है।

इतना भी करम उनका कोई कम तो नहीं है,
ग़म दे के वो पूछते हैं कोई ग़म तो नहीं है?

Sad Shayari 2 Line Heart Touching

शायद खुशी का दौर भी आ जाए एक दिन,
ग़म भी तो मिल गये थे तमन्ना किये बगैर।

हर हाल में हँसने का हुनर पास था जिनके,
वो रोने लगे हैं तो कोई बात तो होगी।

ग़म-ए-हयात परेशान न कर सकेगा मुझे,
कि आ गया है हुनर मुझ को मुस्कुराने का।

तू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा का,
एक तेरा चेहरा देख हम अपना गम भुलाते है।

तेरे हाथ से मेरे हाथ तक का जो फासला था,
उसे नापते उसे काटते मेरी सारी उमर गुजर गयी।

सुलगती ज़िन्दगी से मौत आ जाए तो बेहतर है,
हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता।

तुम्हें पा लेते तो किस्सा कब का खत्म हो जाता,
तुम्हें खोया है तो यकीनन कहानी लम्बी चलेगी।

घुटन सी होने लगी है इश्क़ जताते हुए,
मैं खुद से रूठ गया हूँ तुम्हें मनाते हुए।

तुझको पा कर भी न कम हो सकी बेताबी दिल की,
इतना आसान तेरे इश्क़ का ग़म था ही नहीं।

रहा यूँ ही नामुकम्मल ग़म-ए-इश्क का फसाना,
कभी मुझको नींद आई कभी सो गया ज़माना।

यह गम के दिन भी गुजर जायेंगे यूं ही,
जैसे वह राहतों के जमाने गुजर गए।

मेरे ग़म ने होश उनके भी खो दिए,
वो समझाते समझाते खुद ही रो दिए।

Very Sad Shayari in Hindi 2 Line

ग़म किस को नहीं तुझको भी है मुझको भी है,
चाहत किसी एक की तुझको भी है मुझको भी है।

ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें,
यूँ ही कब तलक खुदाया गमे-ज़िंदगी निबाहें।

हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते हैं,
हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हैं।

इस से बढ़कर दोस्त कोई दूसरा होता नहीं,
सब जुदा हो जायें लेकिन ग़म जुदा होता नहीं।

दुनिया भी मिली गम-ए-दुनिया भी मिली है,
वो क्यूँ नहीं मिलता जिसे माँगा था खुदा से।

जिसे गुजरे दिन के ग़म से नहीं फुर्सत,
उसको नए साल की मुबारकबाद क्या देना।

हर ग़म से वास्ता रहा है हमारा साहब,
इलाज हम से बेहतर हकीम क्या बतायेंगे।

ग़म वो मयखाना कमी जिस में नहीं,
दिल वो पैमाना है कि भरता ही नहीं।

जब भी ठोकर लगी तेरे प्यार में मुझे,
मुझको मेरे गमों ने सहारा बहुत दिया।

खुश्क आँखों से भी अश्कों की महक आती है,
मैं तेरे गम को ज़माने से छुपाऊं कैसे।

वो नहीं तो मौत सही, मौत नहीं तो नींद सही,
कोई तो आए शब-ए-ग़म का मुकद्दर बन कर।

क्या जाने किसको किससे है अब दाद की तलब,
वह ग़म जो मेरे दिल में है तेरी नज़र में है।

ग़म वो मयख़ाना कमी जिस में नहीं,
दिल वो पैमाना है भरता ही नहीं।

याद-ए-गम दिल से कभी जाती नहीं,
अब तो भूले से भी हँसी आती नहीं।

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