जीवन प्यार और नफरत, शुरुआत और अंत की एक खूबसूरत अवधारणा है। हम अपनी जिंदगी से या जिंदगी मे सभी लोगो से बहुत प्यार करते हैं। इस खूबसूरत जिंदगी को व्यक्त करने के लिए आप उपयोग कर रहे हैं आज की Hindi Shayari On Life. ये शायरी आपको बेहद पसंद आएगी और आप इन शायरी को अपने प्यारे दोस्तो या परिवार के साथ भी शेयर कर सकते हैं।
ये शायरी आपकी जिंदगी में एक नई उम्मीद या नई आशा लेकर आएगी। इनसे आपकी जिंदगी जीने की एक नई ऊर्जा या एक नई उम्मीद मिलेगी। आशा करते हैं कि ये शायरी आपको बहुत कुछ नया महसूस करवाएगी या आपको जरूर पसंद आएगी। ऐसी ही और शरिया पढ़ने के लिए विजिट करें Everydayshayari.com
ले दे के अपने पास फ़क़त एक नजर तो है,
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नजर से हम।
नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।
ज़िन्दगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते हैं,
जिस तरह हम ने गुज़ारी है वो हम जानते हैं।
ये कशमकश है कैसे बसर ज़िंदगी करें,
पैरों को काट फेंके या चादर बड़ी करें।
कुछ इस तरह फ़कीर ने ज़िंदगी की मिसाल दी,
मुट्ठी में धूल ली और हवा में उछाल दी।
ज़िंदगी जिसका बड़ा नाम सुना है हमने,
एक कमजोर सी हिचकी के सिवा कुछ भी नहीं।
एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो,
ये ज़िंदगी तो बस अदब में ही गुजर गई।
जो तेरी चाह में गुजरी वही ज़िंदगी थी बस,
उसके बाद तो बस ज़िंदगी ने गुजारा है मुझे।
अकेले ही गुजर जाती है तन्हा ज़िंदगी,
लोग तसल्लियाँ तो देते हैं साथ नहीं देते।
पहचानूं कैसे तुझ को मेरी ज़िंदगी बता,
गुजरी है तू करीब से लेकिन नकाब में।
2 Line Shayari in Hindi on Life
हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी,
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।
अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है ज़िंदगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।
कितना और बदलूं खुद को ज़िंदगी जीने के लिए,
ऐ ज़िंदगी, मुझको थोड़ा सा मुझमें बाकी रहने दे।
नजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे,
ऐ ज़िंदगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे।
हासिल-ए-ज़िंदगी हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं,
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं।
मुझे ज़िंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों,
पर लोग कहते हैं यहाँ सादगी से कटती नहीं।
मंजिलें मुझे छोड़ गयी रास्तों ने संभाल लिया,
जिंदगी तेरी जरूरत नहीं मुझे हादसों ने पाल लिया।
कुछ ऐसे हादसे भी होते हैं ज़िंदगी में ऐ दोस्त,
इंसान बच तो जाता है मगर ज़िंदा नहीं रहता।
जब भी सुलझाना चाहा ज़िंदगी के सवालों को मैंने,
हर एक सवाल में जिंदगी मेरी उलझती चली गई।
कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है,
ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है।
पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।
हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो,
ये ज़िंदगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो।
ज्यादा ख़्वाहिशें नहीं ऐ ज़िंदगी तुझसे,
बस अगला कदम पिछले से बेहतरीन हो।
धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो,
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटाकर देखो।
न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती,
ये ज़िंदगी है हिसाबों से जी नहीं जाती।
2 Line Emotional Shayari in Hindi on Life
मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िंदगी, मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर।
फुर्सत मिले जब भी तो रंजिशे भुला देना,
कौन जाने साँसों की मोहलतें कहाँ तक हैं।
अपने वजूद पर इतना न इतरा, ऐ ज़िन्दगी.
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत दिए जा रही है।
रोज रोज गिर कर भी मुक़म्मल खड़े हैं,
ऐ ज़िंदगी देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं।
बख्शा है ठोकरों ने सँभलने का हौसला,
हर हादसा ख्याल को गहराई दे गया।
बख्शा है ठोकरों ने सँभलने का हौसला,
हर हादसा ख्याल को गहराई दे गया।
ज़िंदगी भी तवायफ की तरह होती है,
कभी मजबूरी में नाचती है कभी मशहूरी में।
इतनी बदसलूकी ना कर… ऐ ज़िंदगी,
हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं।
आराम से तनहा कट रही थी तो अच्छी थी,
ज़िंदगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी।
थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी,
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे।
ग़ैरों से पूछती है तरीका निज़ात का
अपनों की साजिशों से परेशान ज़िंदगी।
ऐ ज़िंदगी काश तू ही रूठ जाती मुझसे,
ये रूठे हुए मुझसे मनाये नहीं जाते।
Two Line Shayari in Hindi on Life
कुछ आग आरज़ू की उम्मीद का धुआँ कुछ,
हाँ राख ही तो ठहरा अंजाम जिंदगी का।
जाने कब आ के दबे पाँव गुजर जाती है,
मेरी हर साँस मेरा जिस्म पुराना करके।
छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िंदगी इतना बता कितना सफर बाकी है।
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतना करीब से,
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अब तो अजीब से।
सबक वो हमको पढ़ाए हैं ज़िंदगी ने कि हम,
हुआ था जो इल्म किताबों से वो भी भूल गए।
वो ज़िंदगी जिसे समझा था कहकहा सबने,
हमारे पास खड़ी थी तो रो रही थी अभी।
ज़िंदगी तू कोई दरिया है कि सागर है कोई,
मुझको मालूम तो हो कौन से पानी में हूँ मैं।
शतरंज खेल रही है मेरी जिंदगी कुछ इस तरह,
कभी तेरी मोहब्बत मात देती है कभी मेरी किस्मत।
जो लम्हा साथ है उसे जी भर के जी लेना,
ये कम्बख्त जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है।
मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िन्दगी मुझे रोज़ रोज़ तमाशा न बनाया कर।
रोज़ दिल में हसरतों को जलता देख कर,
थक चुका हूँ ज़िंदगी का ये रवैया देख कर।
जहाँ जहाँ कोई ठोकर है मेरी किस्मत में,
वहीं वहीं लिए फिरती है मेरी ज़िन्दगी मुझको।
Best Hindi Shayari on Life
पानी फेर दो इन पन्नों पर
ताकि धुल जाए स्याही सारी,
ज़िन्दगी फिर से लिखने का
मन होता है कभी-कभी।
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है,
ज़ुल्फ़-ओ-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है,
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में,
इश्क ही इक हकीकत नहीं कुछ और भी है।
है अजीब शहर की ज़िंदगी
न सफर रहा न क़याम है
कहीं कारोबार सी दोपहर
कहीं बदमिजाज़ सी शाम है।
यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों
रहना जरा संभाल के,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है
गुब्बारों में डाल के।
ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है,
जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये,
ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,
सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।
हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।
यह ज़िन्दगी बस सिर्फ पल दो पल है,
जिसमें न तो आज और न ही कल है,
जी लो इस ज़िंदगी का हर पल इस तरह,
जैसे बस यही ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है।
जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं,
आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं,
ज़िंदगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा,
सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िंदगी कटती नहीं।
सच बिकता है झूठ बिकता है
बिकती है हर कहानी,
तीनों लोक में फैला है फिर भी
बिकता है बोतल में पानी।
दौड़ती भागती जिंदगी का
यही तोहफ़ा है,
खूब लुटाते रहे अपनापन
फिर भी लोग खफा हैं।
ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है,
बस एक आपकी वफ़ा चाहती है,
कितनी मासूम और नादान है ये,
खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है।
Emotional Shayari in Hindi on Life
खुशी में भी आँखें आँसू बहाती रही,
जरा सी बात देर तक रुलाती रही,
कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया,
ज़िंदगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही।
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है
आज इस ज़माने में…
वरना मेरी ज़िन्दगी का हर पन्ना,
पूरी किताब है।
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा,
सिर्फ सिमटी हुयी यादों का सिलसिला होगा,
जो लम्हे हैं चलो हँसकर बिता दें,
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।
अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,
सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है,
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,
जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का,
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।
ऐ ज़िंदगी,
तोड़ कर हमको ऐसे बिखेरो इस बार,
न फिर से टूट पायें हम,
और न फिर से जुड़ पाए तू।
जिंदगी उसी को आजमाती है,
जो हर मोड़ पर चलना जानता है,
कुछ पा कर तो हर कोई मुस्कुराता है,
जिंदगी उसी की है….
जो सबकुछ खो कर भी मुस्कुराना जानता है।
यूँ ही खत्म हो जायेगा
जा़म की तरह जिन्दगी का सफ़र,
कड़वा ही सही एक बार तो
नशे में होकर इसे पिया जाये।
वही रंजिशें वही हसरतें,
न ही दर्द-ए-दिल में कमी हुई,
है अजीब सी मेरी ज़िन्दगी,
न गुज़र सकी न खत्म हुई।
ज़िन्दगी वो जो ख्वाबों-ख्यालों में है,
वो तो शायद मयस्सर न होगी कभी,
ये जो लिक्खी हुई इन लकीरों में है,
अब इसी ज़िन्दगानी के हो जाएँ क्या।
हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली