Sharab Shayari उन लोगों की भावनाओं को व्यक्त करती है जो अंदर छुपी रह जाती है और शराब ने मुझे बहुत पसंद किया है, शराब शायरी आकी बहुत सी फीलिंग यानी दुख, दर्द या बहुत से गहरी चोट के लिए शब्द देती है। जहां हमारी शबद या भावनाएं शराब से बाहर आ जाती हैं बनाम से ही हमारी ये बदनाम शराब शायरी आपकी भावनाओं को सबके साथ शेयर करेगी।
शायरी सिर्फ कुछ शब्द ही नहीं ये एक कविता है जो शब्दों को एक शब्दों में जोड़के बहुत सुंदर रूप दे देती है। शराबी शायरी हमारे वो अनकहे जज़्बात है जिन्हे हम अपने अंदर छुपा चुके हैं और खामोशी में बदल गए हैं। जेसे की शराब ही हमारे अनकहे दर्दो का सहारा है और हमारे बुरे समय में हमारी दोस्त बन जाती है वैसे ही ये शायरी भी आपके बेहद काम आएगी। ऐसी और शायरी पढ़ने के लिए जरूर विजिट करें Everydayshayari.com और अपने दोस्तों के साथ भी इन्हें शेयर करें।
Sharab Shayari Sad
जिन्दगी चैन से गुजर जाए,
वो अगर जहन से उतर जाए..!!!
तू डालता जा साकी शराब मेरे प्यालों में,
वो फिर से आने लगी है मेरे ख्यालों में..!!!
यार की महफिल में हम जाकर उलझ गए,
पी लेते तो ईमान जाता, ना पीते तो यार जाता…!
एक आदमी था उसने दारू पीना बंद कर दिया,
उसने लीवर को तो बचा लिया !
परंतु दोस्त एक भी नही बचा…!
होठों पर शायरी, और हाथो में जाम है,
तुम अपनी फिक्र करो यारो, हम तो पहले से बदनाम है..!!!
वैसे तो ग्लास मेरा बहुत छोटा है,
पर ना जाने कितनी बोतलों का कातिल है..!!!
सब खफा है मेरे लहजे से,
मेरे हाल से वाकिफ कोई नही..!!!
लोगो के दोस्त विदेश जा रहे हैं,
मेरे तो ठेके से आगे ही नहीं बढ़ रहे..!!!
नशा तब दुगना होता है जनाब,
जब जाम भी छलके और आंख से आसू भी..!!!
हमदर्द बनके आया था,
दर्द बनके रह गया..!!!
कुछ घाव मेरी जान,
माफी की इजाजत नहीं देते..!!!
मैने परखा है अपनी बदनसीबी को,
मैं जिसे अपना कह दू, वो फिर मेरा नही रहता..!!!
शराब शायरी फनी
गोरे रंग का घमंड हमे मत दिखाओ,
हम दूध से ज्यादा शराब के दीवाने हैं..!!!
जब मोहब्ब्त में किसी की जिंदगी खराब हो जाती है,
फिर उसकी जिंदगी ही शराब हो जाती है..!!!
ये ना पूछ मैं शराबी क्यूं हुआ,
बस यूं समझ ले के गमों के बोझ से शराब की बोतल सस्ती लगी..!!!
कर दो तब्दील अदालतों को मैखाने में,
सुना है नशे में कोई झूट नही बोलता..!!!
कोन कहता है शराब गम भुला देती है,
मैने अच्छे अच्छों को नशे में रोते देखा है..!!!
तन्हाइयों के साए में सीना सीखा गई
जालिम किसी की याद थी पीना सीखा गई..!!!
तुम्हारे साथ जीना चाहते थे,
कहा शराब पीना चाहते थे…!!!
ज़िन्दगी ऐसे भी जीनी किसी के बाद आई,
ना फिर शराब चढ़ी और ना उसकी याद आई…!!!
ये बात और है के खुल के जी नही सकते,
मगर ये किसने कहा है की पी नहीं सकते..!!!
दुनियां में सुखी वही होता है,
जो शाम को पेग मार के सोता है..!!!
डूब जाति हैं सब यादें ग्लास में,
जब चलते है peg दमादम एक सात में…!!!
पीनी छोड़ तो दूं लेकिन उनका क्या करू,
जो दोस्त मेरे मिलते हैं मुझसे पीने के वास्ते..!!!
शराब ही तो पी रहे थे हम,
इसलिए खुल्के जी रहे थे हम..!!!
Shayari on Sharab
शराब छोड़ कर जाऊं तो किधर जाऊं मैं,
तेरे बारे में ना सोचूं तो फिर मर जाऊं मैं..!!!
निगाह से उसकी कभी दूर ना होने की जिद थी,
शराब पीके भी रोया मेरी ना सोने की जिद थी..!!!
कोई हमदम नही होगा अगर रुसवा करोगे,
शराब छोड़ने के बाद भी तुम क्या करोगे…!!!
नजर मिला के उनसे बे खबर हो जाने दे,
शराब ला मुझे अब दर बदर हो जाने दे..!!!
चुरा रहा है वही मेरे ख्वाब आंखो से,
पिला रहा है जो मुझको शराब आंखो से..!!!
होश खोते है और फिर बेहिसाब पीते है,
दोस्त आते है तो हम भी शराब पीते है…!!!
दिल की बेताबिया बढ़ाने के लिए आए,
वो जब भी आए दिल जलाने के लिए आए…!!!!
अगर मैं पीनी छोड़ दू तो उन्हें दुख होगा,
जो लोग रोज मेरा इंतजार करते है…!!!
कोई चेहरा तेरी यादें मिटा नही सकता,
अज़ीज़ वो भी है मैं जिसको पा नहीं सकता..!!!
बहुत अमीर होती है ये शराब की बोतले,
पैसा चाहे जो भी लग जाए, सारे गम खरीद लेती है।
बदनाम शराब शायरी 2 Line
मेंखाना ऐ- हस्ती में अक्सर,
हम अपना ठिकाना भूल गए,
या होश से जाना भूल गए,
या होश में आना भूल गए।
मेह्खाने से बढ़ कर, कोई जमीन नहीं,
जहा सिर्फ ज़मीन लड़खड़ाते है, ज़मीर नहीं।
शीशे में डूब कर पीते रहे, उस जाम को,
कोशिशे तो बहूत की मगर, भुला ना पाए एक नाम को।
रात भर गिरते रहे, उनके दामन में मेरे आंसू,
सुबह उठते ही वे बोले, कल रात बारिश गज़ब की थी।
शराब में डूबा हूँ, पर नशे में नहीं,
ये जाम तो बस तेरी यादें कम करने की कोशिश है।
दिल की बात अब जाम से कहने लगे हैं,
इश्क़ की हर चोट को अब यूँ कहने लगे हैं।
शराब से दोस्ती हो गई है अब,
तेरी बेवफाई का यही सबसे अच्छा इलाज है।
सदियों से जो बदनामी का, बोझ ढो रही है,
आज वो ही सबके हाथ धो रही है।
पीना चाहते थे हम सिर्फ एक जाम,
मगर पीते पीते शाम से सवेरा हो गया,
बहके बहके कदम धीरे धीरे चले,
इसलिए आने में ज़रा सी देर हो गयी।
Sharab Par Shayari
मयकदे की राह से गुज़र रहा हूँ,
आज फिर से तन्हाई को ढूंढ रहा हूँ।
शराब से बातें की है रात भर,
दिल ने आज फिर बगावत की है रात भर।
कभी जाम, कभी अश्क, कभी तन्हाई,
मेरे हिस्से में हर बार वही कहानी आई।
मयकदे में जाकर भी, सुकून न मिला,
दिल के ज़ख्मों का दर्द, हर जाम में मिला।
नशे में आज फिर से दिल बहला रहे हैं,
शराब से तेरे दर्द को यूं भुला रहे हैं।
कभी मोहब्बत में थे हम, अब शराब में हैं,
दिल का हाल बस इन्हीं प्यालों में है।
शराब के जाम में छुपी है तेरी कहानी,
हर घूंट में बस तुझसे जुदाई की निशानी।
मोहब्बत से गुज़रा हूँ, अब मेह्खाने में जाना है,
दोनों का असर एक ही है, बस होश ही तो गवाना है।
कुछ तो शराफत सीख लो, इश्क़ – ऐ – शराब से,
हर बोतल पर लिखा तो होता है, मैं जानलेवा हूँ।