अगर हम बात करें आज प्रेम की हो प्रेम क्या है? प्रेम किसे कहता है? प्रेम मुझसे होता क्या है? प्रेम का अर्थ क्या है? प्रेम केसे होता है? तो हम सभी के मन में कुछ ना कुछ इसे लेकर गुस्सा आता है पीआर हम इन स्वलो को नहीं स्मज पते क्योंकि हम सभी के मन में कुछ न कुछ इस तरह से जवाब आता है जिनसे हम प्रेम को समझते हैं। लेकिन सब के होते हुए भी प्रेम को समझाएं या बताने के लिए हम सभी को बस कुछ शब्दों की जरूरत है जो आज हम सभी के लिए Prem Shayari In Hindi के माध्यम से लेकर आए हैं।
प्रेम को कई शब्दो से और कई नमो के जाना जाता है जिनसे एक है प्यार। जब हम किसी से प्रेम करते हैं इसका अर्थ है एक मन की भावना जो बहुत ही साफ और शुद्ध है। जेसे की राधा कृष्ण प्रेम शायरी और उनका प्रेम हमें प्रेम की भावना को अच्छे से समझने में मदद करता है। तो आज ऐसी ही बहुत प्यारी और खूबसूरत राधा कृष्ण प्रेम शायरी का आनंद उठेगा।
Prem Shayari
श्री राधा जहाँ-जहां श्री कृष्ण वहाँ-वहाँ है,
जो हृदय में बस जाएँ वो बिछड़ता कहाँ है..
श्याम की बंसी जब भी बजी है,
राधा के मन में प्रीत जगी है│
राधा कृष्ण का मिलन तो एक बहाना था,
दुनिया को प्रेम का सही मतलब समझना था│
श्री राधा जहाँ-जहां श्री कृष्ण वहाँ-वहाँ है,
जो हृदय में बस जाएँ वो बिछड़ता कहाँ है..
संगीत है श्रीकृष्ण, सुर है श्रीराधे
शहद है श्रीकृष्ण, मिठास है श्रीराधे
पूर्ण है श्रीकृष्ण, परिपूर्ण है श्रीराधे
आदि है श्रीकृष्ण, अनंत है श्रीराधे│
प्रेम को भी खुद पर गुमान है क्योंकि,
राधा-कृष्ण का प्रेम हर दिल में विराजमान हैं│
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ असर तो होता है दो आत्मा के मेल का
वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी न होती .
दौलत छोड़ी शोहरत छोड़ी
सारा खजाना छोड़ दिया,
कृष्णा के प्रेम दीवानों ने, सारा जमाना छोड़ दिया│
मन की आँखों को जब तेरा दीदार हो जाता है,
मेरा तो हर दिन प्रिय मोहन त्यौहार हो जाता है..
कान्हा हरदम मेरे साथ है
फिर क्या कमी है,
विरह में नहीं, प्रेम की वजह से
आखों में नमी है│
किस मुकाम पे ले आया है यह प्रेम मुझे राधे
तुम्हे पाया भी नहीं जाता और बुलाया भी नहीं जाता।
Radha Krishna Prem Shayari
पाने को ही प्रेम कहे,
जग की ये है रीत..
प्रेम का सही अर्थ समझायेगी
राधा-कृष्णा की प्रीत |
प्रेम में प्रेमियों की आत्मा
एक हो जाती है,
कोई बताएगा राधा से कृष्ण कब बिछड़े..
राधा-कृष्ण की प्रेम कभी अधूरी नहीं रही,
वो हमेशा साथ रहे उनमें कोई दूरी नहीं रही│
कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी,
जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ ,
दौड़ी आये राधा रानी.
जय श्री राधे कृष्ण│
Radhe Krishna
Jai Shree
राधा को कन्हैया ने प्यार का पैगाम लिखा,
पूरे खत में सिर्फ़
राधा-राधा नाम लिखा│
हमने प्रेम में कितनी बाधा देखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी ।
सुध-बुध खो रही राधा रानी,
इंतजार अब सहा न जाएँ,
कोई कह दो सावरे से,
वो जल्दी राधा के पास आएँ.
राधे-राधे |
Radhe-Radhe
मधुवन में भले ही कान्हा किसी गोपी से मिले,
मन में तो राधा के ही प्रेम के है फूल खिले.
प्रेम से बोलो राधे-राधे |
Prem Se Bolo Radhe-Radhe
नन्दलाल की मोहनी सूरत
दिल में बसा रखे हैं,
अपने जीवन को उन्ही की भक्ति लगा रखे हैं,
एक बार बाँसुरी की मधुर तान सुनादे
कान्हा, एक छोटी से आस लगा रखे हैं
“राधा” के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं,
कान्हा से पहले
लोग लेते “राधा” का नाम हैं
निस्वार्थ प्रेम शायरी
भरोसा और प्यार दो ऐसे पंछी है
अगर इनमे से एक उड़ जाए
तो दूसरा अपने आप उड़ जाता !
आज वो पावन प्रेम कहाँ
कहा?कृष्णा है कहाँ वो राधा प्रेम कहानी है
कहा वो नटखट दिवानी है !
दरबार हजारो देखे है पर
ऐसा कोई
दरबार नही जिस गुलशन
मे तेरा नूर न हो ऐसा तो कोई गुलजार नही !
श्याम तेरी बंसी मे कुछ ऐसी बात है एक
मीरा है दीवानी और राधा भी साथ है !
मेरी इस दीवानगी मे कुछ कसूर आपका भी है, तुम इतने प्यारे ना होते
तो हम भी इतने दीवाने ना होते.
अभी तो बस इश्क हुआ है
कान्हा से मंजिल तो बृंदावन मे ही मिलेगी !
कितनी खूबसूरत है राधा के ख्यालो की दुनिया माखन
चोर से शुरू होती है और कृष्ण पर खत्म !
एक तुम हो जो हर किसी की नजर मे हो
एक मै हू जिसकी हर नजर मे सिर्फ तुम हो !
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नही होती !
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता तो
हर हृदय मे राधा कृष्ण का नाम नही होता !
प्रेम तो सदियों से चला आ रहा है साहब
फिर चाहे वो राधा का हो या सती का |
जो में दिखता हूँ वो में हूँ नहीं और जो में हूँ
उसके लिए देखने की आवश्कता ही नहीं ।
राधे राधे ।
सच्चा प्रेम शायरी
कान्हा तुम्हे ख्वाबो मे पाकर दिल
खो ही जाता है खुद को
कितना भी रोक लो प्यार हो ही जाता है !
कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भई
वो प्रेम दिवानी जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ
दौड़ी आये राधा रानी !
जीने के लिए नही चाहा है तुम्हे
तुम्हे चाहने के लिए जीते है हम !
कितने सुंदर नैन तेरे ओ राधा प्यारी
इन नैनो मे खो गये मेरे बांके बिहारी !
राधा के सच्चे प्रेम का इनाम है कान्हा
से पहले लोग लेते राधा का नाम है !
कान्हा को ने प्यार का राधा पैगाम लिखा
पूरे खत मे सिर्फ कान्हा कान्हा नाम लिखा !
कान्हा हरदम मेरे साथ है फिर क्या कमी है
विरह की वजह से नही प्रेम आखो मे नमी है !
राधा कृष्ण का मिलन तो
बस एक बहाना था असल में
दुनिया को प्यार का सही मतलब समझाना था !
मै भी अधूरा हूं तेरे बिना
जैसे अधूरी है राधा
श्याम के नाम के बिना !
प्रेम को महसूस करने वाला धन्य होता है
वही तो राधा कृष्ण का परम भक्त होता है !
प्रेम जताने के लिए साथ रहना ज़रूरी नहीं
कुछ कहानियां दूर रहकर भी मुकम्मल होती है।
पवित्र प्रेम शायरी
प्रेम के दो मीठे बोल बोल कर खरीद लो हमे
कीमत से सोचोगे तो पूरी दुनिया बेचनी पड़ेगी !
याद सता रही है तुम्हारी
तुम खुश हो मेरे बगैर
मुझे यह हवाएं बता रही है !
कैसे लफ्जो से बया करू खूबसूरती
तुम्हारी सुंदरकाड का झरना भी तुम का दरिया भी तुम हो !
दुख जीवन मे इसलिए आते है ताकि
हम सुख का महत्व समझ सके !
आज वो पावन प्रेम कहाँ कहा उनसी प्रेम कहानी है
कहा वो नटखट कृष्णा है कहाँ वो राधा दिवानी है !
दरबार हजारो देखे है पर ऐसा कोई दरबार नही
जिस गुलशन मे तेरा नूर न हो ऐसा तो कोई गुलजार नही !
मेरी इस दीवानगी मे कुछ कसूर आपका भी है
तुम इतने प्यारे ना होते तो हम भी इतने दीवाने ना होते.
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नही होती !
एक तुम हो जो हर किसी की नजर मे हो
एक मै हू जिसकी हर नजरमे सिर्फ तुम हो !
जीने के लिए नही चाहा है तुम्हे
तुम्हे चाहने के लिए जीते है हम !
इंतज़ार तो प्रेम में सिर्फ वही कर सकता है
जिसने प्रेम हृदय से किया हो जिस्म से नहीं ।